शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
I am a very cheerful, friendly and fun loving girl and have a great passion for travelling as I love to explore new places, love cooking, reading books, writing Hindi poems and English articles by which I am able to express my thoughts and feelings.
52 comments:
बहुत खूबसूरत सोच....
wow
bahut khub
ये तो बहुत खूब कहा...
बढ़िया है..जल्द इन्तजार पूरा हो!!
एक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.
शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
बेहद उम्दा !!
इन्तजारे सबा रहा बरसो ..............तब कहीं जा के एक ग़ज़ल लिखी जब तुझे सोचता रहा बरसो !!!
bahut achcha lga. atyant saral tatha kam shabdo me.i think likhna ese hi chahiye jo dil ko chhu jaye.
इंतज़ार सफ़ल होगा।
waah ishwar kare jis jis ki ye tamanna ho poori ho jaaye...
Zaroor aayegi aisi shaam!Aameen!
Wah! bauhthi khoobsurat
poonam
जरूर आयेगी वो शाम ..
बहुत सुन्दर
चित्र मनोहारी
खूबसूरत सोच....
.... बधाई
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बहुत ही ख़ूबसूरत मनभावन ..रचना ....
nice
लाजवाब रचना ......
Hi..
Tumhen yaad aati hai jiski,
Ek din wo bhi aayega..
Jis din tere sang raha wo..
Yaad nayi de jayega..
Dua humari sham wo aaye..
Priyatam ko tere ghar laaye..
'GULDASTA' ek tujhse paakar..
Tere hi sang wo muskaaye..
DEEPAK..
सुंदर अभिव्यक्ति....शेर बढ़िया लगे..धन्यवाद बबली जी
हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर !
......................उम्दा!!!
यह त्रिबेणी छंद बहुत बढ़िया रहा!
you seem to have changed your profile picture
वाह बहुत सुन्दर रचना है !
Beautiful lines....
"सम्वेदना और शिल्प दोनो दमदार है.."
अच्छा लगा आपको पढकर...
डा.अजीत
www.shesh-fir.blogspot.com
www.monkvibes.blogspot.co
वाह बहुत सुन्दर रचना है !
nice, very nice, sunder ,ati sunder,wah....bahut khooob,
एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती है तुम्हारी याद लेकर,
हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर.....
बहुत ही खूबसूरत अंदाज़.
वाह्………क्या बात कह दी …………।बहुत ही सुन्दर्।
बहुत ही सुंदर जी धन्यवाद
हमारी शुभकामनांए.
बहुत ही ख़ूबसूरत मनभावन रचना बहुत खूबसूरत सोच
"हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर!"
याद नाकाफी है?
उस शाम का इंतेज़ार तो सबको है ... बहुत खूब लिखा है ...
bahut lazabab racnayen hen aapki !dhanyavaad
बहुत सुन्दर भाव बबली और साथ ही सुन्दर चित्र !
badi qatilana shaayari karti hain aap.....
itna hi kahoonga ki waaaaaaaaaaah !
Union hoga uss dinn :) wonderfully written!
Love is beautiful!
Regards,
Dimple
अच्छी रचना !
सबास बबली बिटिया!! छोटा छोटा बात में गहराई देखाई देता है..
bhaut khub .. kya baat hai
हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर !
zaroor aayegi wo shaam ...achcha likhti hain aap
badhiya ji babli jii....
umda sher .....
abhar
हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर !
.......बहुत खूबसूरत सोच,बेहद उम्दा ,शुभकामनाएँ.
वो शाम कभी तो आयेगी
Badiya prastuti...
हमको उस शाम का इंतज़ार है,
जो आए तुम्हें साथ लेकर !
Hello Babliji
Bahut sundar.
Ram
aayegi ek woh bhi shaam,jo layegi kisiko apne saath.
intezaar ki ghadi hogi khatm,jab phir hoga unka saath.
bahut khubsurat.
wakai yaad aati hai uski wo aayegi shaam ke saath.........
sundar rachna har bar ki taraha
bahut khub...
aapke do line ki poetry ke to jawab nahi hai...kafi dino baad aapke kalam ko dekha jo bahut hi umda hai pahle se bhiiii
best regards
aleem azmi
बेहतरीन रचना... आशा और अभिलाषा से भरी हुई...
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