Monday, June 7, 2010


ओस की बूँदें है और आँखों में नमी है,
ऊपर आसमां है और नीचे ज़मीन है,
ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !

41 comments:

कडुवासच said...

...बहुत सुन्दर !!!

chitra said...

how do you write so beautifully.I appreciate you

arvind said...

ओस की बूँदें है और आँखों में नमी है,
न ऊपर आसमां है और न नीचे ज़मीन है,
ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !

.....bahut sundar....tasvir bhi kaafi khubsurat.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !

....Waah Bahut khub kahi!!

शिवम् मिश्रा said...

बहुत बढ़िया उर्मी दी ...............मज़ा आ गया आज तो !

Mohinder56 said...

खूबसूरत ख्यालात समेटे शेर के लिये बधाई...
मगर

हमारे रहते इस जमी पर आप ने ये सोचा कैसे
नजरे उठा के देखिय वल्लाह किस शय की कमी है

समयचक्र said...

खूबसूरत शेर

दिगम्बर नासवा said...

सच है ... ख़ास लोग आसानी से नही मिलते .. अगर मिल जाएँ तो बचा कर रखना चाहिए ...

vandana gupta said...

बहुत ही सुन्दर भाव भरे हैं।

Arvind Mishra said...

ओस की बूँदें है और आँखों में नमी है,
न ऊपर आसमां है औ न नीचे जमीं है,
कैसा मोड़ आया ये ज़िन्दगी का,
ख़ास है जो बस उन्हीं की कमी है !
वाह ! आह भी !

माधव( Madhav) said...

बहुत सुन्दर

M VERMA said...

जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !
यही होता है बस खास ही नहीं होते हैं आसपास बाकी भीड़ तो हर समय रहती है
सुन्दर

kshama said...

Kitni sahi baat kah dee...yahi kami har pal mahsoos hoti hai..

jamos jhalla said...

अच्छा है |बहुत अच्छा है| वाकई बहुत ही अच्छा है ख़ासलोग की कमी है

रचना दीक्षित said...

वाह !!!!!!!!क्या बात कही है,तभी तो मैं आ गयी हूँ !!!!

BK Chowla, said...

I was missing your poem for some time now.

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Behad umda!

डॉ टी एस दराल said...

खास में भी कुछ ज्यादा खास होते हैं ।
अच्छा लिखा है ।
अति सुन्दर ।

RAJNISH PARIHAR said...

जिंदगी में यही होता है,जो प्रिय होते है वो या तो दूर होते है या बिछड़ जाते है...शायद यही ज़िन्दगी का फसाना है....

Shekhar Kumawat said...

बहुत खूबसूरत भाव


shukriya ye khubsurat maktak padwane ke liye

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

निराशा का दमन छोड़ दीजिए!
प्रतीक्षा के पलों के ओढ़ लीजिए!!

विनोद कुमार पांडेय said...

सुंदर एहसास भरी प्रस्तुति..धन्यवाद बबली जी

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

एक पसंद के चटके के साथ..... मैंने कहा था ना... कि बहुत सुंदर रचना है.... भावों को कितनी खूबसूरती से उकेरा है आपने..... देरी हो गई.... सॉरी....

Udan Tashtari said...

ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !

-क्या बात है!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बबली बिटिया… बहुत अच्छा …चार लाईन में कमाल की हो... जिन्नगी के हर मोड़ पर मिलने वाला लोग को खास बनाते चलो, कभी खास लोगों का कमी नहीं होगा...

राज भाटिय़ा said...

अद्भुत जी, कम शव्दो मै गहरी बात

मनोज कुमार said...

सही बात है, ज़िन्दगी में खास लोगों की कमी तो रहती ही है।

MAHAVEER B SEMLANI said...

sunder rachnaa....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत ...

ये कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
जो लोग ख़ास है बस उन्हीं की कमी है !

खूबी से कही ये बात

Anonymous said...

Adbhut!!!
Poetry ki aapki samajh sachmuch bemisaal hai.

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

लाजवाब करती कविता।
--------
करे कोई, भरे कोई?
हाजिर है एकदम हलवा पहेली।

पंकज मिश्रा said...

वाह क्या कहने। जगजीत सिंह की गाई हुई एक गजल याद आ गई। आज फिर आंख में नमी सी है और उनकी कमी सी है। वाह। बहुत बहुत बधाई।
http://udbhavna.blogspot.com/

Akhilesh pal blog said...

bahoot achha romanch bhar deta hai

अरुणेश मिश्र said...

अति उत्तम ।

Dimple Maheshwari said...

sach klaha...bas usi ki kami rah jati hain jindgi me..jane kyon ..par aisa hi hota hain...

अंजना said...

चार लाइनो मे बहुत कुछ कह दिया आपने ....
बढिया ....

पी.एस .भाकुनी said...

ati sunder... hamesha ki trh....

Shikha Deepak said...

बहुत सुंदर.............

संजय पाराशर said...

very-very behtarin.. with picture...
ek gana hai..tera koi sath na de to tu khud se prit jod le.... khilouna dharti ko kr.. aakash oudh le..

Dimple said...

Just wonderful!!!
I loved it...

Regards,
Dimple

Unknown said...

bhut kuh kaha hai...