एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है?
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है?
उसे पाना नहीं मेरी तक़दीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसीका इंतज़ार क्यूँ है?
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है?
उसे पाना नहीं मेरी तक़दीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसीका इंतज़ार क्यूँ है?
51 comments:
Babliji
Kya baat hai!
Beautiful.
tumharey gum ki dali uthakar
juban pe rakh li hai dekho maine
ye katra-katra pighal rahi hai
mai katra-katra hi jal raha hoon
- Gulzar
आप सचमुच बहुत सुंदर लिखती हैं।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।
बहुत सुन्दर लिखा है।
बेहद उम्दा !
होता है ऐसा ही जब वो अजनबी ... अपना सो हो जाता है ...
उसे पाना नहीं मेरी तक़दीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसीका इंतज़ार क्यूँ है?
शायद इसी को प्यार कहते हैं । अति सुन्दर ।
Babli, kyonki yahi pyar hai!
Yah painting aapne banayi hai? Behad sundar hai!
kya kare DIL HAIN KI MANTA NAHIN
Babli, good to see you back. How was your holiday trip?
कब आई तुम छुट्टी से… होता है...इंतजार होता है... हर मोड़ पर.. काहे कि गुलज़ार साहब बोले हैं कि इस मोड़ से जाते हैं, कुछ सुस्त कदम रस्ते, कुछ तेज कदम राहें...
बहुत सुंदर!!
अरे , आप सब जगह घूम आयीं और इंतज़ार है कि मोड़ पर ही खड़ा है...
सुन्दर अभिव्यक्ति
बस भरोसे में ये दिल वेकरार है अब तक!
हम इन्तजार करेंगे तेरी कयामत तक!!
दिल की बात ,दिल ही जाने
welcome back babli ki...
hamesha ki tarah sundar likha hai!
वाह आते ही यह उम्दा पेशकश !
Babli
another beautiful creation.
Like that accompanying picture.
अजी मन मै उतर गई आप की यह सुंदर रचना.
धन्यवाद
सुंदर पंक्तियाँ ...दिल को छू गई
जिंदगी के मोड़ हजार
हर मोड़ पर इंतजार
उस अजनबी का जो
हजारों में प्यारा न्यारा
bhawpurn khyaal
Yehi itne saare "kyun" par hamari zindagi chalti hai...
Pic and these beautiful lines... both are awesome :)
Regards,
Dimple
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां ।
bahoot khoob
मन के कोमल भावों को शब्द दे दिए आपने..वाह...बेजोड़..
नीरज
बहुत सुन्दर ... यही तो हमेशा का सवाल है ...
BABLI JI ..
FIR AK BAR SUNDER PANKITIYAN NIKLI HAI AAP KI KALAM SE ..BADHAYEE
wah wah!!!
dil ki baat ki bahut achi abhivyatki di hai aapne
http://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/
इतहां हो गई इंतजार की....आई न खबर यार की....आगे अब तक इस गीत को गाया नहीं.......क्यों ..बताने की जरुरत है क्या. या समझ गईं...
बहुत बड़ा सवाल है। सवाल व्यक्तिगत टाइप का लगता है। जवाब आपको ही खोजना पड़ेगा। माफी चाहूंगा।
खैर मजाक कर रहा था। बहुत खूबसूरत रचना है। कम शब्दों में बहुत कुछ कह जाने की कला है आप में। मेरी बधाई स्वीकार करें। और इतनी अच्छी रचना पढ़ाने के लिए आपका धन्यवाद भी।
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है?
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है?
उसे पाना नहीं मेरी तक़दीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसीका इंतज़ार क्यूँ है?
dil pe jor nahi hota isliye hai ye kyun .sundar .
tujhe har mod pe uska intezar u hai
tujhe usse pyar jo hai
umda prastooti..............
इसी का नाम प्यार है.
ढाई आखर का खेल है ।
अन्तश्चेतना की अभिव्यक्ति ।
सटीक शब्दों में उत्तम रचना
आभार
वाह वाह , क्या खूब । हमेशा की तरह सुन्दर पन्क्तियाँ ।
Bahut achhe!
बहुत दिनो बाद आया हूँ इसलिये फिलहाल वाह ...
bahut khub..
nice
बबलीजी
कैसे मिज़ाज हैं ?
प्यार में यही तो होता है , कुछ न मिलने की संभावना होते हुए भी सिर्फ़ देते रहने को मन करता है ।
बहुत अच्छा मुक्तक है!
आपके ब्लॉग की एक और ख़ूबी यह है कि चित्र बहुत आकर्षक और रोमांटिक होते हैं ।
आप स्वयं बनाती हैं क्या ?
ऐसे कुछ चित्रों का संग्रह मुझे मेल से भेजिए ना , प्लीज़ !
शस्वरं पर आपका हमेशा हार्दिक स्वागत है …
आपका घर है आया जाया करो
हंस के बोला करो बुलाया करो
अवश्य आइएगा…
शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
इंतजार का ही तो मजा है...खूबसूरत रचना..बधाई.
_________________________
अब ''बाल-दुनिया'' पर भी बच्चों की बातें, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ, उनके ब्लॉगों की बातें , बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ और भी बहुत कुछ....आपकी भी रचनाओं का स्वागत है.
बहुत सुन्दर ....
बहुत सुंदर
अति सुंदर रचना.
वाह! बहुत अच्छी शायरी।
gud going.....i like it..
अजनबी अक्सर दिल क्यों चुरा ले जाते हैं। क्यों परदेसियों से दिल लग जाता है। जाने क्यूं इंतजार रहता है। मालूम की आना नहीं उसे। आखिर मासूम दिल इतना प्यार क्यों करता है। क्यों इतनी बड़ी आग में जलता है। जाने क्यूं .....................
bahut badiya ...
Kya baat hai...
waise dekha jaaye to paana na paana ... both are illusions.. not real
bahut achchi lagi aapki shayari.
prashanshaniy.
poonam
बहुत सुन्दर
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