Monday, November 29, 2010


मिलने की ख़ुशी है,
पर है बिछड़ने का गम,
आँखों में ख़्वाब है,
पर उदास है मेरा मन,
कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम !

30 comments:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

जहाँ मिलन होता है वहां बिछडना भी ...
सुन्दर सहज सरल पंक्तियाँ !

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

babli ji, dil khush ho gaya ye sher padh ke!

vandana gupta said...

बहुत ही सुन्दर शेर मन के भावों को उजागर करता हुआ।

sheetal said...

milne ki khushi hoti hain jahan pe,
wo pal khushiyon ka hota hain.
lekin hume kya pata un palo me judaai ka saaya bhi hota hain.
man hota hain udaas hamara isliye,
dil ke jazbaaton ko hoton pe laana mushkil hota hain.
bahut sundar.
ek baat puchna chahungi in dino aap hamare yahan aane ka rasta hi bhul gayi, aisa mat kariye doston ke saath.
dekhiye main to brabar aati hun, aati rahungi,doston se kaisi berukhi.
ek baar fir aapki is sahaj sundar rachna likhne ke liye badhai deti hun.

chitra said...

Good one ....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सरल शब्दों में सारी व्यथा कह दी!

arvind said...

कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम !
...bahut dino ke baad aapka post aayaa...hamaaraa bhi aapke binaa haal kuchh aisaa hi thaa.

Priya Sreeram said...

good one babli! rock on !

POOJA... said...

short, soft, sweet... too good..

Unknown said...

bahut sundar.......waah !

BK Chowla, said...

Every piece you write is so beautiful.

लोकेन्द्र सिंह said...

कैसे कहें हम उनके बिन कितने अधूरे हैं.....

डा श्याम गुप्त said...

हर पल को जीले तू रे मन
जाने कल आये ना आये ।

केवल राम said...

कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम !

प्यार में तो यह भावना हमेशा बनी रहती है ....बहुत खूब ...शुक्रिया

चलते -चलते पर आपका स्वागत है

Sumandebray said...

bahut khub ....
gam aur kushi ..... is part of the game ...

मिलने की ख़ुशी है,
पर है बिछड़ने का गम,

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.

रामराम.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

वाह बबली जी,
कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम !
बहुत सुन्दर...बधाई.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बहुत सुन्दर भाव!!

ZEAL said...

कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम ..

sundar panktiyaan !

.

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Nice!
Ashish

रचना दीक्षित said...

बहुत खूब!!!!सुन्दर भाव

rajesh singh kshatri said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...

Kunwar Kusumesh said...

मिलने की ख़ुशी है,
पर है बिछड़ने का गम,
आँखों में ख़्वाब है,
पर उदास है मेरा मन,
कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम

मैं तो यही कहूँगा ,उर्मी जी:-
अधूरा मिलन होगा पूरा ज़रूर.
अधूरा रहा कब अधूरा हुज़ूर?

Akanksha Yadav said...

बहुत खूबसूरत रचना...बधाई.

Ankit said...

Just one word excellent !!!
Nothing less than that !!!

Am getting inspired from ur posts !!!
Happy Blogging and take care !!!

mark rai said...

कैसे कहें कैसे हैं हम,
तुम बिन अधूरे हैं हम...

बहुत खूब .....

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब लिखा है ... उनके बिना अधूरे हैं हम ....

अंजना said...

nice ...

JAGDISH BALI said...

ह्रद्यस्पर्षि पंक्तियां ! कृप्या म्रेरे ब्लोग पर आ कर फ़ोलो करें व मर्ग प्रशस्त करे !

अरुणेश मिश्र said...

भावों का सम्यक निरूपण ।