Sunday, December 12, 2010


हमसे दूर जाओगे कैसे,
दिल से हमें भूलाओगे कैसे,
हम वो ख़ुश्बू हैं जो..
बसते हैं आपकी साँसों में,
ख़ुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे?

65 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बिल्कुल सही सवाल!! जो साँसों में बसा हो उससे दूर जाना असम्भव होता है!
बहुत बढ़िया बबली!!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूब ..सुन्दर अभिव्यक्ति

प्रेम सरोवर said...

आपने तो दिल निकाल कर रख दिया है। बहुत ही संवेदनशाल पोस्ट।

nilesh mathur said...

बहुत सुन्दर!

रश्मि प्रभा... said...

behad achhe jazbaat

Sunil Kumar said...

बहुत खूब ..सुन्दर अभिव्यक्ति!

ashish said...

वाह क्या खूब कहा है , सुन्दर अभिव्यक्ति .

Akanksha Yadav said...

बड़ी दिल्लगी से लिखी रचना...मुबारकवाद !!

kshama said...

Waah! Babli! Bahut hee sundar!

PN Subramanian said...

बहुत ही खूबसूरत रचना. हम एक बहुत पुराने फ़िल्मी गीत को याद कर रहे हैं जिसमें "ओ दूर जाने वाले, हमना तुम्हें भुलायेंगे" या कुछ ऐसा ही था.

Kunwar Kusumesh said...

बहुत बढ़िया ,क्या बात है,प्यार में ऐसा ही होता है

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

हम वो ख़ुश्बू हैं जो..बसते हैं आपकी साँसों में,
ख़ुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे?
वाह...बहुत खूब.

रवि धवन said...

फना याद आ रही है।
बढिय़ा

मनोज कुमार said...

सुंदर, लाजवाब।

Dev said...

bahut khoob ........

अजय कुमार said...

बिलकुल दो जिस्म एक जान की तरह

शिवम् मिश्रा said...


बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - सांसद हमले की ९ वी बरसी पर संसद हमले के अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

chitra said...

Beauitful , thanks

Priya Sreeram said...

really good !

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द ।

sheetal said...

wah! kya baat hain.
sundar abhivyakti.

रचना दीक्षित said...

बहुत सुन्दर ,लाजवाब।

दिगम्बर नासवा said...

बसते हैं आपकी साँसों में,
ख़ुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे ...


वाह ... क्या बात है ... ग़ज़ब की नज़म ...

smshindi By Sonu said...

अति सुंदर ..शुभकामनायें

smshindi By Sonu said...

बहुत सुंदर मज़ा आएगा ,,...
शुक्रिया आपका...

ZEAL said...

सुन्दर अभिव्यक्ति.!!

कविता रावत said...

बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति

Sumandebray said...

BAHUT KHUB

ख़ुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे?

अंजना said...

बहुत खूब ....

hot girl said...

nice poem,

lovely blog.

Udan Tashtari said...

बढ़िया.

Dr (Miss) Sharad Singh said...

सुंदर भावाभिव्यक्ति !!

लोकेन्द्र सिंह said...

नहीं रोक पाएंगे साहब खुद की सांसों को.....

Anonymous said...

Hi, i just want to say hello to the community

पूनम श्रीवास्तव said...

babli ji
Wah!Wah! kya sher likh hai aapne bahut khoob
badhai
poonam

Satish Saxena said...

कमाल की पंक्तियाँ , शुभकामनाएं !

ManPreet Kaur said...

bahut hi badiya...

mere blog par bhi sawagat hai..
Lyrics Mantra
thankyou

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

वाह क्या बात है ! बहुत सुन्दर !

'साहिल' said...

खूबसूरत रचना!

Rahul Singh said...

समवाय, अन्‍योन्‍याश्रित और एकाकार हों जैसे.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

A Merry Christmas to you and your Family !

M VERMA said...

साँसों को भी भला कोई रोक पाया है?

सुन्दर शेर

ZEAL said...

Hi Babli ..Long time ..no see.

rajesh singh kshatri said...

Bahut Sundar.

dipayan said...

आपकी रची कविताओ की माला की हर मोती खूबसूरत है । बहुत सुन्दर भाव । बधाई ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत ही प्‍यारी कविता। बधाई।

---------
अंधविश्‍वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।

दिनेश शर्मा said...

बहुत खूब!

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

बहुत सुन्दर...
नए साल पर दुआ-
अम्न हो नये साल हर दिन चैन हो आराम हो
शाम जाते साल की सब रंज-ओ-गम की शाम हो
आपने देखें हैं जो सपने वो पूरे हों सभी
आपका हर आरज़ू हर चाहतों पर नाम हो

smshindi By Sonu said...

NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
_________
@(________(@
@(________(@
please open it

@=======@
/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
@======@
“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
@======@
/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
@======@
“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
@=======@
/”beautifl”/
/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
@======@

Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !

Akhilesh pal blog said...

bahoot khoob

Neeraj Kumar said...

सच कहा... दिल हमें भूलोगे कैसे!
नव वर्ष की शुभ-कामनाएं...

दिनेश शर्मा said...

बहुत खूब ।

मस्तानों का महक़मा said...

pehle to main aapko is post ki badhayi dena chahunga ... bahut hi khoobsoorti se aapne is post ko humare beech rakha jo ki achcha laga or ab me aapse mafi chahta hun ki main aapke blog se kafi time door raha jiski vajah se humare samvaad me fark aaya. kher jo bhi huya ab hum aapko isi tarha padte rahenge or samvaad me rahenge jisse ki hume aage or seediya chadte rehne ka josh or dam milta rahe.

mini said...

this is such a nice composition.

you are welcome on my blog too....

http://mayassarmini.blogspot.com/

mridula pradhan said...

bahut achchi lagi.

ManPreet Kaur said...

bahut badiya.. shukriya share karne k liye..
Please visit my blog.

Lyrics Mantra
Banned Area News

sm said...

beautiful poem
without comment how you will go away

Akhilesh pal blog said...

andar tak chhu gayee babali ji

डॉ० डंडा लखनवी said...

उर्मी जी!
आपका श्रंगारिक मुक्तक पढ़ा।
चित्र के साथ प्रस्तुति अच्छी है। साधुवाद!
इसे इस रूप में भी कहा जा सकता है।
--------+--------+--------+---------
"हमसे दूर आप जाओगे कैसे?
दिल से हमें भूलाओगे कैसे?
हम तो साँसों में बसी खुशबू हैं-
साँस को आप रोक पाओगे कैसे?"
=======================
कृपया पर्यावरण संबंधी इस दोहे का रसास्वादन कीजिए।
==============================
शहरीपन ज्यों-ज्यों बढ़ा, हुआ वनों का अंत।
गमलों में बैठा मिला, सिकुड़ा हुआ बसंत॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

kshama said...

Kya baat hai Babli,bahut din ho gaye yahan kuchh likhe? I am missing u!

अभिन्न said...

ek arse baad aama hua hai,vahi tazgi aaj bhi barkarar hai aapke is shayrana bagiche me

राजेश सिंह said...

घनिष्‍ठ और सघन आत्‍मीय अभिव्‍यक्ति.

राजेश सिंह said...

घुली-मिली सी नजदीकी.

अमिता कौंडल said...

बहुत खूब लिखा है उर्मी जी जो सांसों में खुशबू सा बसा हो उससे जुदा हो ही नहीं सकते
बधाई
सादर,
अमिता कौंडल