करोड़ों का घोटाला किया जिसने,
जनता के वोट से न पाया जीतने,
करूणानिधि के सुनहरे दिन हुए ख़त्म,
आओ करें हम जयललिता का स्वागतम,
तमिलनाडु में छाया है ख़ुशी का फुहार,
राज्य में हो रहा है "अम्मा" का जयजयकार !
जनता के वोट से न पाया जीतने,
करूणानिधि के सुनहरे दिन हुए ख़त्म,
आओ करें हम जयललिता का स्वागतम,
तमिलनाडु में छाया है ख़ुशी का फुहार,
राज्य में हो रहा है "अम्मा" का जयजयकार !
26 comments:
अम्मा भी तो दूध की धुली नही हैं ....
बढ़िया!
नीरिशक्ति जिन्दाबाद!
ye public hai , sab jaanatee hai
काश नेता जनता की शक्ति को चुनाव के बाद भी याद रखें.
I never read your writings on politics before ---a pleasant surprise .
क्या बात हे!
समसामयिक शायरी।
एक तरफ कुआँ है एक तरफ है खाई
जनता बेचारी क्या करे,नेता हुआ हरजाई
तू वोट मुझको दे या उसको दे
तेरी तो हर तरफ से शामत है आई
ye sab hain kalyug ke karndhaar
आपके सारे पोस्ट देखे बहुत खुबसूरत पोस्ट है आपका !
अफ़सोस है की पहले क्यों नहीं आया!
आप मेरे ब्लॉग पे आयीं इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्
और आशा करता हु आप मुझे इसी तरह प्रोत्साहित करती रहेंगी!!
सभी कविताएं रोचक एवं बेजोड़ हैं! आपको मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं......
चारों ओर अम्माओं का ही बोल बाला है ।
यह तो दुध की धुली हे, जरा इस के बारे पढ तो ले यह हे कोन , इस का खान दान कैसा हे, ओर इस ने कोन कोन से गुल खिलाये हे
सभी नेता एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं ...
......ab bage-gulistan kya hoga?yahi dekhna hai.
वाह ... बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
जय ललिता की जय-जय. तमिलनाडु की जनता का अपना ही रुझान होता है. आजकल वह हर पाँच वर्ष बाद सरकार बदल देती है. आपने राजनीति का कविताकरण कर दिया है :))
बेहतरीन ।
.....................
Loved this totally.
let us hope for the best..
बदलाव की लहर हैँ... जय जयललिता की.
Babli ji is baar aapki shayari kuch hatke hain...isse pehle kabhi aapko is tarah ki shayari likhte nahi dekha..accha laga yeh dekhkar ki aap is tarah ki shayri bhi likh sakti hain.
is baar chunav main agar karunanidhi ki satta hue khatm.
paschim bengal main buddhbed ji bhi satta hue khatm.
jahan jailalita ji ki jaijaikaar hain.wahi mamta ji ki bhi jaijai kaar hain.
ab dekhna yeh hain ki jo janta ne itna bharosa karke inhe chunaav main jeetaya hain.unki ummedo par yeh khare utare.
chahe Lalita ho ya Mamta.
fir ho chahe koi aur neta.
ham apne bharose par bharosa
rakhte hain.
har baar election main vote
dete hain.
par yaaron yeh nasl hi kuch aisi
hain.
jis par yakin karna mushkil hain.
fir bhi ham ummedo ko jagaya rakhte hain.
par afsos har baar munh ki khaya
karte hain.
स्वागतम्, जयललिता जी।
बढ़िया!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
अम्मा रानी बड़ी सयानी
धाट -धाट का पानी पीया है इसने --यह भी तो भष्ट है
I fully agree with Digambar Naswa ji. Poor voters perhaps had no better choice !
bahut hi achi rachna
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