जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाहकर भी ख़ामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
दिल न चाहकर भी ख़ामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
Posted by Urmi at 9:39 PM
40 comments:
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
बहुत सही बात कही आपने.
सादर
वाह...क्या ख्याल और ज़ज्बात भर दिए है आप ने चार लाइनों में..
आशु
The speaking silence.Very beautiful Babli :)
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
बहुत खूब ..सुन्दर पंक्तियाँ
अनोखे ..
बहुत सुंदर जज़्बात ..!!
अंतर्मन से निकली बहुत ही कोमल भावना ...!!
http://anupamassukrity.blogspot.com/
वाह बहुत खूब!
प्यार तो ऐसा ही होता है!
ठीक उसी तरह - बरसने वाले गरजते नही !
वाह ………कितनी सच्ची बात कितनी सरलता से कह दी।
वाह ... बहुत खूब कहा है ...
kya khoob kaha aapane
कोई चाह कर कोई न चाहकर' कोई जता कर कोई बिना जताये , बहुत खूव
" chaht aur pyar ... jatana .. bahut hi acchi tarha se aapne in sabdoan ko sanjoya aur ek acchi shayari hum sab ko di "
tahe dil se sukriya sister
रिश्वतखोर जज को मिली सजा : गुजरात न्याय तंत्र के इतिहास में पहेली बार |
http://eksacchai.blogspot.com/2011/06/blog-post.html
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल न चाहकर भी ख़ामोश रह जाता है
यह प्रत्येक दिल की प्रामाणिक अनुभूति है. बहुत से ख़्यालों पर दिल चुप रह जाता है. सुंदर अभिव्यक्ति.
बहुत सुंदर प्रस्तुति जी धन्यवाद
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
बहुत अच्छे अंदाज़ ।
bade jabardast khyaal
खूबसूरत अहसास, बधाई...........
bahut achcha likha hai.....
Very impressive
अंतर्विरोध तो है ही ...
वाह ... बहुत खूब ।
वाह क्या बात कही है उर्मिजी ... प्यार करना और प्यार जताने में फर्क है ...
bahut hi badiya raha apka ye sher..
बहुत सुंदर अहसासों को प्रस्तुत करती हैं ये पंक्तियाँ, प्रस्तुति भी बहुत खूबसूरत है,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
har bar ki tarh....is bar bhi kamal likha hai..bahut khub
हमेशा की तरह लाजवाब शेर।
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कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
सुंदर प्रस्तुति जी
प्यार जताने और प्यार निभाने में जो अंतर है, वह इन पंक्तियों में स्पष्ट झलक रहा है।
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है !
इस खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
aapki kavita lagta hai kuch kah rahi ho mere blog par bhi aaye mere blog par aane ke liye yaha click kare -"www.samratbundelkhand.blogspot.com"
अच्छा अहसास।
शुभकामनाएं आपको
मन को झंकृत कर गये आपके शेर।
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बाबूजी, न लो इतने मज़े...
भ्रष्टाचार के इस सवाल की उपेक्षा क्यों?
आपकी लेखनी इतनी शानदार है कि
जो भी आता है कुछ लिख कर ही जाता है।
वाह बहुत खूब!
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बस यही उपलब्धि है!!
वो प्यार क्या जो लफ़्ज़ों में बयान हो,
प्यार तो वो है जो आँखों में नज़र आए !
Wonderful lines ...
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कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर प्यार निभाता है
sahi likha hai.
amita
आप कहाँ हैं बबली जी ?
नई पुरानी हलचल से खोजते हुए यहाँ आया.
दर्शनों को व्याकुल नयन
पूँछ रहें हैं,आप कहाँ है बहिन.
जल्दी दरस दिखला दीजियेगा
मन को खुशी से हर्षा दीजियेगा.
अनोखी पंक्तियाँ....
सादर बधाई...
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