Thursday, June 23, 2011


बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
बसी दिल में जब से तेरी आरज़ू,
तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
तेरा प्यार आकर महकने लगा !
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !

63 comments:

Anonymous said...

BAHUT KHOOB
DIL KO CHU GAI KAVITA

Bharat Bhushan said...

प्रेम एक सनातन भाव है जिसके सहस्रों लक्षण होते हैं और छवियाँ होती हैं. आपने इन्हें रंग दिया है.

Unknown said...

उर्मि जी.......

बहुत प्यारी कविता कही आपने..वाह !

लेकिन मेरा मानना है कि

जब दिल ज़ोरों से धड़कने लगे, बहकने लगे और दुपट्टा बार-बार सरकने लगे तो सेफ्टी पिन लगा कर दुपट्टा को रोकना नहीं चाहिए...महकने देना चाहिए आलम को...........यानी .दामन का दमन करके उसे उसके उलझने के अधिकार से वंचित नहीं करना चाहिए.....हा हा हा हा

रविकर said...

@ तुझे पाने को दिल तरसने लगा !

फालोवर ही चाहिए न ??



बधाई ||



सुन्दर पंक्तियाँ |



उत्तम भाव ||


आशीर्वाद --

रविकर said...

aap aaiye

http://dcgpthravikar.blogspot.com/
http://dineshkidillagi.blogspot.com/

संतोष त्रिवेदी said...

आला दर्जे की रचना...सच जब बाहर आता है तो सुहाना लगता है,कोई बनावट नहीं !

SURINDER RATTI said...

Babli Ji,

Bahut sunder maza aa gaya...

Surinder Ratti
Mumbai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति दी है आज आपने!
पढ़कर मन प्रसन्न हो गया!

ana said...

uljhan sulh jayega.....badhiya prastuti....shubhakamnaaye

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा रचना ... उर्मी जी !

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

premras me sarabor ......manmohini rachna.
shayad yahi to pyaar hai.

Kavita Saharia said...

Very nice Babli . And very romantic too.

सदा said...

वाह ..बहुत ही खूबसूरत भावों के साथ

बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

अपनी बातों को कहने का ये अलग अंदाज है। बहुत सुंदर

हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !

Pranavam Ravikumar said...

Beautiful thoughts...!

sajjan singh said...

बहुत ही खूबसूरत शायरी है। बहतरीन अभिव्यक्ति। आभार ।

अजय कुमार said...

muhabbat se saraabor khoobasoorat rachanaa

Anupama Tripathi said...

बहुत ही खुशनुमा ...कोमल भाव दिए हैं आज अपने ..
मन पुलकित सा हो गया पढ़ कर ...!!
बधाई.

Kunwar Kusumesh said...

वाह उर्मी जी,पढ़कर मज़ा आ गया.स्वाभाविक अभिव्यक्ति नज़र आ रही है.

दिगम्बर नासवा said...

वाह .. क्या बात है ... बहुत लाजवाब नज़्म और फोटो भी कमाल का है ...

KK Yadav said...

Bahut sundar prastuti..badhai.

महेन्‍द्र वर्मा said...

प्रेम की खुशबू से तर-ब-तर सुंदर ग़ज़ल।
बार-बार पढ़ने की इच्छा हो रही है।

Anonymous said...

"हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा!"

वाह वाह - क्या बात है

Manish Khedawat said...

zi bahut sunder likha hai
padhkar mazaaa gaya :)

_____________________________
क्या मुझे प्यार का सलीका भी नहीं आया था ?? || मनसा ||

संध्या शर्मा said...

कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
तेरा प्यार आकर महकने लगा !
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !

बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति.........

पी.एस .भाकुनी said...

ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !
such ?
sunder prastuti hetu abhaar........

डॉ० डंडा लखनवी said...

अति सुन्दर....
हास्य-टिप्पणी)
मोहब्बत करने वालों का यह रोग खानदानी है।
जोर-जोर दिल धड़कना हाई बी०पी० की निशानी है॥

vandana gupta said...

वाह वाह बहुत सुन्दर रचना।

नीरज गोस्वामी said...

हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !

प्रेम में आकंठ डूबी इस रचना के लिए ढेरों बधाइयाँ स्वीकारें...

नीरज

hem pandey said...

आप इश्क और हुस्न को इतने विभिन्न रूपों से व्याख्यायित कर लेती हैं | ताज्जुब है |

Patali-The-Village said...

बहुत ही खूबसूरत भावों के साथ बेहतरीन प्रस्‍तुति|

सहज साहित्य said...

उर्मि जी आपकी इस कविता में जो रवानी है , वह पाठको आनन्द की गहन अनुभूति में सराबोर कर देती है । बहुत अच्छे और हृदयस्पर्शी भाव ।

Dr (Miss) Sharad Singh said...

भावुक...
सुन्दर...
मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....

Sawai Singh Rajpurohit said...

बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
बसी दिल में जब से तेरी आरज़ू,
तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
बेहद खूबसूरत कविता आप अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं !

कविता रावत said...

bahut badiya pyarbhare ahsas..

Rakesh Kumar said...

कमाल का चित्र,कमाल की कविता.
बेमिशाल भावनाओं का उफान.
बबली जी ऐसी भक्तिमय आरजू यदि
भगवान के प्रति हो तो भगवान भी दौड़े चले
आयें.'उर्मी'जी आपकी अनुपम अभिव्यक्ति को हृदय से नमन.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

शानदार!!
कमाल की गज़ल कही है!!

Rakesh Kumar said...

मुझे अपने यूरोप टूर में सबसे अधिक सुन्दर देश स्विजरलैंड ही लगा.हर तरफ कुदरत का खूबसूरत नजारा बिखरा हुआ है.सुन्दर सुन्दर हरियाली घासयुक्त पहाड,झीलें,बर्फ़ से ढकी चोटियाँ जिसको वहाँ के लोगो ने बहुत मेहनत से संवारा है.चाहे घर हों चाहे बाहर, हर ओर फूलों की सजावट करीने से हुई दिखलाई पड़ती है.हर चीज को इस प्रकार से रखा हुआ है कि ऐसा लगाता है जैसे चित्रकार ने बहुत ही सुन्दर चित्र उकेर दिया हो.सड़कें,यातायात व्यवस्था भी बहुत अच्छी है.
स्विजरलैंड से जब इटली में प्रवेश किया तो एक बार को ऐसा लगा कि भारत में आ गए हैं.३०-३२ सेंटीग्रेड की गर्मी, गन्दगी,कुछ भिखारी भी देखने को मिले.'वैटिकन सिटी' इटली में रोम में ही बहुत छोटे सी जगह में है,जिसमें मुख्यत: सेंट पीटरसन चर्च स्थित है.इस छोटीसी जगह को ही दुनिया का सबसे छोटा देश 'वैटिकन सिटी' के नाम से जाना जाता है जिस पर पोप का राज्य चलता है.चर्च में अनेक प्राचीन मूर्तिया,पेंटिंग्स देखने योग्य हैं.यह चर्च दुनिया का सबसे अमीर चर्च है.

Kailash Sharma said...

प्रेममयी सुन्दर भावपूर्ण रचना...बहुत सुन्दर

डॉ टी एस दराल said...

आज रचना में प्यार की खुशबु आ रही है । बहुत मनभावन ।

Rachana said...

हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
bahut khub
sunder likha hai aapne
rachana

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

हर शब्द जैसे गहराइयों में डूबा हो,
सुरेन्द्र "मुल्हिद" को भी अब ऐसा लगने लगा!

M VERMA said...

हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
बहुत खूब ... यह सब तो तय है

RameshGhildiyal"Dhad" said...

Bahut khoobsoorti ke saath aapne izhaar-e-pyaar kar dala. sarkte dupatte ne n jaane kitno ko maar daala....lo ham aapke mureed ho gaye,
kal ta jo amaawas hua karte the ,aaj eed ho gaye.. masahallah! aap bahut pyaar se apne gham ko shabdon me piro deti ho, hotho pe hansee hoti hai aur dil se ro deti ho...

Admin said...

nice blog mere blog me bhi aaye dil ki jubaan

Anonymous said...

वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।

somali said...

bahut pyari kavita hai

BrijmohanShrivastava said...

बहुत ही अच्छी कविता

रचना दीक्षित said...

हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,

बहुत प्यारी कविता कही आपने..वाह. बेहतरीन प्रस्‍तुति.

Dr Varsha Singh said...

बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !


वाह! क्या खूबसूरत गजल कही है आपने !. ..........
मतला तो बहुत ही खूबसूरत है!

बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।

Sumandebray said...

bahut badiya

sheetal said...

My god! ye kya kar diya aapne...aisi shaandar shayri..waise to aapki shayriyan kamaal ki hoti hain...par ye waali
uff kya kahe hamare dil main bhi halchal paida kar gayi.

bahut bhadiya likha aapne.

daanish said...

पढ़ा नज़्म में जब भी दिल का बयाँ
बहकने लगा , दिल, बहकने लगा

बहुत खूबसूरत काव्य
सिर्फ वाह कहूँ ...
काफी नहीं लगता ..!!

मनोज भारती said...

वाह!! बेहद उम्दा काव्य ...प्रेम से भरा ...

सु-मन (Suman Kapoor) said...

prem ras se bhari rachna

BK Chowla, said...

I have no words. It is so touching

shyam gupta said...

----यही ऐसा विषय है कि हर व्यक्ति आगे बढ़ बढ़ कर टिप्पणी देने को तैयार है....शाश्वत ....

vidhya said...

very nice

Maheshwari kaneri said...

बहुत प्यारी कविता सुन्दर पंक्तियाँ |
आभार !

Sunil Kumar said...

सही बात अक्सर ऐसा होता है, आभार

hamaarethoughts.com said...

..sahi...bahut badiyaa..
love it!

Arvind kumar said...

mashaa allaah...

कौशल किशोर said...

bahut badhiya..