बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
बसी दिल में जब से तेरी आरज़ू,
तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
तेरा प्यार आकर महकने लगा !
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
बसी दिल में जब से तेरी आरज़ू,
तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
तेरा प्यार आकर महकने लगा !
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !
63 comments:
BAHUT KHOOB
DIL KO CHU GAI KAVITA
प्रेम एक सनातन भाव है जिसके सहस्रों लक्षण होते हैं और छवियाँ होती हैं. आपने इन्हें रंग दिया है.
उर्मि जी.......
बहुत प्यारी कविता कही आपने..वाह !
लेकिन मेरा मानना है कि
जब दिल ज़ोरों से धड़कने लगे, बहकने लगे और दुपट्टा बार-बार सरकने लगे तो सेफ्टी पिन लगा कर दुपट्टा को रोकना नहीं चाहिए...महकने देना चाहिए आलम को...........यानी .दामन का दमन करके उसे उसके उलझने के अधिकार से वंचित नहीं करना चाहिए.....हा हा हा हा
@ तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
फालोवर ही चाहिए न ??
बधाई ||
सुन्दर पंक्तियाँ |
उत्तम भाव ||
आशीर्वाद --
aap aaiye
http://dcgpthravikar.blogspot.com/
http://dineshkidillagi.blogspot.com/
आला दर्जे की रचना...सच जब बाहर आता है तो सुहाना लगता है,कोई बनावट नहीं !
Babli Ji,
Bahut sunder maza aa gaya...
Surinder Ratti
Mumbai
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति दी है आज आपने!
पढ़कर मन प्रसन्न हो गया!
uljhan sulh jayega.....badhiya prastuti....shubhakamnaaye
बेहद उम्दा रचना ... उर्मी जी !
premras me sarabor ......manmohini rachna.
shayad yahi to pyaar hai.
Very nice Babli . And very romantic too.
वाह ..बहुत ही खूबसूरत भावों के साथ
बेहतरीन प्रस्तुति ।
अपनी बातों को कहने का ये अलग अंदाज है। बहुत सुंदर
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
Beautiful thoughts...!
बहुत ही खूबसूरत शायरी है। बहतरीन अभिव्यक्ति। आभार ।
muhabbat se saraabor khoobasoorat rachanaa
बहुत ही खुशनुमा ...कोमल भाव दिए हैं आज अपने ..
मन पुलकित सा हो गया पढ़ कर ...!!
बधाई.
वाह उर्मी जी,पढ़कर मज़ा आ गया.स्वाभाविक अभिव्यक्ति नज़र आ रही है.
वाह .. क्या बात है ... बहुत लाजवाब नज़्म और फोटो भी कमाल का है ...
Bahut sundar prastuti..badhai.
प्रेम की खुशबू से तर-ब-तर सुंदर ग़ज़ल।
बार-बार पढ़ने की इच्छा हो रही है।
"हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा!"
वाह वाह - क्या बात है
zi bahut sunder likha hai
padhkar mazaaa gaya :)
_____________________________
क्या मुझे प्यार का सलीका भी नहीं आया था ?? || मनसा ||
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
तेरा प्यार आकर महकने लगा !
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति.........
ये क्या हो गया है भला 'उर्मी' को,
कि दामन कहाँ ये उलझने लगा !
such ?
sunder prastuti hetu abhaar........
अति सुन्दर....
हास्य-टिप्पणी)
मोहब्बत करने वालों का यह रोग खानदानी है।
जोर-जोर दिल धड़कना हाई बी०पी० की निशानी है॥
वाह वाह बहुत सुन्दर रचना।
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
प्रेम में आकंठ डूबी इस रचना के लिए ढेरों बधाइयाँ स्वीकारें...
नीरज
आप इश्क और हुस्न को इतने विभिन्न रूपों से व्याख्यायित कर लेती हैं | ताज्जुब है |
बहुत ही खूबसूरत भावों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति|
उर्मि जी आपकी इस कविता में जो रवानी है , वह पाठको आनन्द की गहन अनुभूति में सराबोर कर देती है । बहुत अच्छे और हृदयस्पर्शी भाव ।
भावुक...
सुन्दर...
मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
बसी दिल में जब से तेरी आरज़ू,
तुझे पाने को दिल तरसने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
बेहद खूबसूरत कविता आप अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं !
bahut badiya pyarbhare ahsas..
कमाल का चित्र,कमाल की कविता.
बेमिशाल भावनाओं का उफान.
बबली जी ऐसी भक्तिमय आरजू यदि
भगवान के प्रति हो तो भगवान भी दौड़े चले
आयें.'उर्मी'जी आपकी अनुपम अभिव्यक्ति को हृदय से नमन.
शानदार!!
कमाल की गज़ल कही है!!
मुझे अपने यूरोप टूर में सबसे अधिक सुन्दर देश स्विजरलैंड ही लगा.हर तरफ कुदरत का खूबसूरत नजारा बिखरा हुआ है.सुन्दर सुन्दर हरियाली घासयुक्त पहाड,झीलें,बर्फ़ से ढकी चोटियाँ जिसको वहाँ के लोगो ने बहुत मेहनत से संवारा है.चाहे घर हों चाहे बाहर, हर ओर फूलों की सजावट करीने से हुई दिखलाई पड़ती है.हर चीज को इस प्रकार से रखा हुआ है कि ऐसा लगाता है जैसे चित्रकार ने बहुत ही सुन्दर चित्र उकेर दिया हो.सड़कें,यातायात व्यवस्था भी बहुत अच्छी है.
स्विजरलैंड से जब इटली में प्रवेश किया तो एक बार को ऐसा लगा कि भारत में आ गए हैं.३०-३२ सेंटीग्रेड की गर्मी, गन्दगी,कुछ भिखारी भी देखने को मिले.'वैटिकन सिटी' इटली में रोम में ही बहुत छोटे सी जगह में है,जिसमें मुख्यत: सेंट पीटरसन चर्च स्थित है.इस छोटीसी जगह को ही दुनिया का सबसे छोटा देश 'वैटिकन सिटी' के नाम से जाना जाता है जिस पर पोप का राज्य चलता है.चर्च में अनेक प्राचीन मूर्तिया,पेंटिंग्स देखने योग्य हैं.यह चर्च दुनिया का सबसे अमीर चर्च है.
प्रेममयी सुन्दर भावपूर्ण रचना...बहुत सुन्दर
आज रचना में प्यार की खुशबु आ रही है । बहुत मनभावन ।
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
bahut khub
sunder likha hai aapne
rachana
हर शब्द जैसे गहराइयों में डूबा हो,
सुरेन्द्र "मुल्हिद" को भी अब ऐसा लगने लगा!
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
बहुत खूब ... यह सब तो तय है
Bahut khoobsoorti ke saath aapne izhaar-e-pyaar kar dala. sarkte dupatte ne n jaane kitno ko maar daala....lo ham aapke mureed ho gaye,
kal ta jo amaawas hua karte the ,aaj eed ho gaye.. masahallah! aap bahut pyaar se apne gham ko shabdon me piro deti ho, hotho pe hansee hoti hai aur dil se ro deti ho...
nice blog mere blog me bhi aaye dil ki jubaan
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
bahut pyari kavita hai
बहुत ही अच्छी कविता
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
कहूँ किस से जाकर मेरी सांस में,
बहुत प्यारी कविता कही आपने..वाह. बेहतरीन प्रस्तुति.
बड़ी ज़ोर से दिल धड़कने लगा,
ये क्या बात है मन बहकने लगा !
हवाओं को शायद ख़बर हो गई,
दुपट्टा अचानक सरकने लगा !
वाह! क्या खूबसूरत गजल कही है आपने !. ..........
मतला तो बहुत ही खूबसूरत है!
बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।
bahut badiya
My god! ye kya kar diya aapne...aisi shaandar shayri..waise to aapki shayriyan kamaal ki hoti hain...par ye waali
uff kya kahe hamare dil main bhi halchal paida kar gayi.
bahut bhadiya likha aapne.
पढ़ा नज़्म में जब भी दिल का बयाँ
बहकने लगा , दिल, बहकने लगा
बहुत खूबसूरत काव्य
सिर्फ वाह कहूँ ...
काफी नहीं लगता ..!!
वाह!! बेहद उम्दा काव्य ...प्रेम से भरा ...
prem ras se bhari rachna
I have no words. It is so touching
----यही ऐसा विषय है कि हर व्यक्ति आगे बढ़ बढ़ कर टिप्पणी देने को तैयार है....शाश्वत ....
very nice
बहुत प्यारी कविता सुन्दर पंक्तियाँ |
आभार !
सही बात अक्सर ऐसा होता है, आभार
..sahi...bahut badiyaa..
love it!
mashaa allaah...
bahut badhiya..
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