हर कदम पर बहारों ने साथ छोड़ा,
ज़रूरत में दिलरूबा ने भी साथ छोड़ा,
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
ज़रूरत में दिलरूबा ने भी साथ छोड़ा,
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
37 comments:
"सियाहवक्ती में कोई कब किसी का साथ देता है"
यथार्थ का आइना दिखाता खूबसूरत शेर।
बधाई।
Babli ji
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
kya baat hai.bahut sundar!!!
आप के शेर आप के अभिव्यक्ति का खुबसुरत माध्यम है
बेहतरीन अभिव्यक्ति. बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सुन्दर रचना ! बबली जी आपकी रचना छोटी और बहुत प्यारी होती हैं!! हम तो लिखने लगते हैं है तो जाना कहीं और होता है पहुँच कहीं और जाते हैं!! हा.हा..हा...
bablee ji......
ghabraeye nahi main aaka sath aour blog par aana nahi choduga......
Hey dear,
Marvellous.
Lesser words attached with a deep meaning :-)
Keep up the good work!
Regards
वाह ...क्या खूब लिखा है .............. सितारे तो बेवफा ही होते हैं, साथ छोड़ जाते हैं. लाजवाब
क्या बात है बहुत सुंदर रचना..
हमे उन से वफ़ा की उम्मीद है,
जो नही जानते वफ़ा क्या है.
kya baat hai urmi.....dil ko chu gayi aapki yeh kavita....likhte rahiye
Beautiful lines Urmi.. You are doing a great job with all your blogs keep it up!!
सुन्दर शेर.. बहुत अच्छे लगे।
धन्यवाद
wahh ji wahhh tussi to chha gye
सितारों ने भी भले ही साथ छोड़ दिया हो, निराश होने की आवश्यकता नहीं. सूर्य है.
har sher purmaani or khoobsurat
har painting apne aap se bandh rahi hai
speechless
awesome Babli.....no words to xpress!!!!!Is baar mein late ho gayi comment karne mein!
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
...बेहतरीन !!
...Pahle ki tarah hi khubsurat aur dilchasp.
फ़िलहाल "शब्द-शिखर" पर आप भी बारिश के मौसम में भुट्टे का आनंद लें !!
Sahar Hui to er maane ki? Please help.
कम शब्दों में लाजवाब शेर।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut hi accha sher...
meri badhai sweekar karen..
Aabhar
Vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/07/window-of-my-heart.html
आप की रचना पद कर पुराना हिंदी गाना याद आ गया....
देखी ज़माने की यारी...बिछुडे सभी बारी बारी....
नीरज
aapka likhne ka andaaz mujhe bahut pasand aaya..
हर कदम पर बहारों ने साथ छोड़ा,
ज़रूरत में दिलरूबा ने भी साथ छोड़ा,
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
baht sundar!!!!!!
Hi Babli
Thanks for dropping by my blog & leaving your comments. I read your
Shayaris and loved them. Simple words, deep meanings, lovely verses. Really outstanding. I find most of your fans are commenting in Hindi. Hope you dont mind my comments in English !
Have a great day. Regards
Ram
good
bahut sundar.............
Chalar pathe Ek Ek Kore
Sab chole jai
Khali hoi seat gulo
Tobu chalo
Bus ta Darun cholchhe.
सुन्दर लाजवाब रचना
अति सुन्दर रचना है...वाह!
Wakae la-jbab. Dhanyawad.
जवाब नही --
लाजवाब
chitra to aankho me bas gaye
kya baat kahi hai aapne...... waaqai mein sab log saath chhod dete hain........
Thanx for sharing mam.......
regards.......
babliji
bhut umda sher .
sitare ka kam hai andere tak sath rhna .fir to suraj ki roshni kha kisi ko tikne deti hai .
पता नही क्यो साथ छूटता है किसी का ..............बहुत ही भावपुर्ण है आपकी रचना....बधाई
ज़िन्दगी थी अजीब, सब एक ख्वाब थे,
खुशी तो मिली नहीं, पर गम बेहिसाब थे,
चाहत की क्या बात करें तुमसे,
था समन्दर अपना, फिर भी प्यासे थे !
बेहतरीन शेर
हर कदम पर बहारों ने साथ छोड़ा,
ज़रूरत में दिलरूबा ने भी साथ छोड़ा,
वादा किया था सितारों ने साथ देने का,
सहर हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा !
achhi rachna...
bahut bahut badhai...
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